अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के बाद से ही लोग देश छोड़ने को मजबूर हैं और अब तालिबान ने अंतरिम सरकार का गठन भी कर लिया है उसके बाद आम लोग काफी चिंता में हैं। अब अफगानिस्ताान में तालिबान राज में अब सच दिखाना पत्रकारों के लिए सजा हो गया है। पाकिस्तान ने तालिबान की किस कदर मदद की है, यह किसी से छिपी नहीं है, मगर तालिबान नहीं चाहता कि पत्रकार बिरादरी के लोग इस पर से पर्दा हटाएं।
यही वजह है कि अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तानी हस्तक्षेप के खिलाफ काबुल में हुए विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर तालिबान का कहर टूटा है और उसने न सिर्फ कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया, बल्कि हिरासत में उन्हें कठोर यातनाएं भी दीं और बुरी तरह पीटा।
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