जब ‘खेती बचाओ यात्रा’ में राहुल गांधी ने खुद चलाया ट्रैक्टर, देखें वीडियो, कार्यकर्ताओं में कैसे दिखा उत्साह
हाल ही में संसद से पास कराए गए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पंजाब में 'खेती बचाओ यात्रा' निकाल रहे हैं। इस दौरान आज उन्होंने खुद ट्रैक्टर चलाया और यात्रा का नेतृत्व किया। राहुल गांधी ने पंजाब के नूरपुर में ट्रैक्टर की स्टीयरिंग को अपने हाथों में लिया और यात्रा का नेतृत्व किया। राहुल गांधी को ट्रैक्टर चलाते देख कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर दौड़ गई।
#WATCH: Congress leader Rahul Gandhi drives a tractor as part of his party's 'Kheti Bachao Yatra' in Noorpur. Punjab CM Captain Amarinder Singh and party's state chief Sunil Jakhar also present. pic.twitter.com/uOd6XzwgHh
— ANI (@ANI) October 6, 2020
इस दौरान उनके साथ पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद थे। दोनों नेता राहुल गांधी के अगल-बगल बैठे नजर आए। पंजाब से होते हुए यह खेती बचाओ यात्रा हरियाणा के कुरुक्षेत्र और करनाल भी पहुंचेगी, जहां राहुल गांधी कई सभाएं करेंगे।
न्याय का ये कारवां न रुका है और न रुकेगा।
— Congress (@INCIndia) October 6, 2020
किसान हितों के लिए हर कांग्रेसी लड़ेगा।।#किसान_न्याय_यात्रा pic.twitter.com/Bp3ilgl5Iy
इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह आरोप लगाया कि कृषि संबंधी तीन 'काले कानूनों' के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कुछ खास पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो तीनों कानून बनाए गए हैं, वो खाद्य सुरक्षा की मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट करने की कोशिश है। राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों से पंजाब और हरियाणा के किसानों पर सबसे ज्यादा गहरा असर होगा।
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इससे पहले सोमवार को पंजाब में आंदोलन में शामिल होते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी इन तीन कृषि कानूनों के जरिये ‘किसानों और मजदूरों को उसी तरह खत्म’ कर रहे हैं जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को तबाह कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के बजाए आज देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने और अधिक संख्या में मंडियां स्थापित करने की आवश्यकता है। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
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