उनका नाम बिलकीस है, लेकिन दुनिया उन्हें शाहीन बाग वाली दादी के नाम से जानती है। सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन का सबसे लोकप्रिय चेहरा रहीं बिलकीस दादी को टाइम मैगजीन ने दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल किया है। नवजीवन से बातचीत में दादी कहती हैं, "इस पहचान से वह खुश हैं, लेकिन असली खुशी तब मिलती जब वह मकसद पूरा होता जिसके लिए वे दिन रात शाहीन बाग में धरने पर बैठी थीं।" उनका कहना है कि वे चाहती हैं कि सरकार प्रस्तावित सीएए-एनआरसी वापस ले। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से धरना देने के तैयार हैं क्योंकि यह नई पीढ़ी की पहचान का सवाल है।
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