नवजीनव बुलेटिन: LAC पर हिंसक झड़प में तीन जवान शहीद, 5 चीनी सैनिक भी ढेर और अजय लल्लू को मिली जमानत

भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है। सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है। इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी। बताया जा रहा है कि सिर्फ भारत की तरफ ही नहीं बल्कि चीन की तरफ भी कुछ सैनिकों को चोट पहुंची है। इस झड़प के दौरान किसी तरह की कोई गोली नहीं चली है, यानी हाथापाई ही हुई थी। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं’चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। इस बैठक में तीनों सेनाओं के अध्यक्ष और विदेश मंत्री एस। जयशंकर भी मौजदू थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' में भारतीय जवानों की शहादत पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है। अधीर रंजन ने कहा कि चीन को हमारे जवान को इस तरह मार देना का कोई अधिकार नहीं है। चीन के फौज का इस तरह का व्यवहार हमें बर्दाश्त नहीं होगा। इससे पहले कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना पर मंगलवार को कहा कि यह अस्वीकार्य है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह हैरान करने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है। वहीं इस हिंसक झड़प को लेकर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। इसमें नरेंद्र मोदी के अब तक 9 बार चीन जाने के बावजूद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने का जिक्र किया गया है।

कथित बस विवाद मामले में जेल में बंद यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। अजय कुमार लल्लू की तरफ से कांग्रेस प्रवक्ता व जाने माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट में बहस की। बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लल्लू की जमानत याचिका टाल दी थी। अजय कुमार लल्लू पर आरोप है कि प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिये मंगाई गई बसों के कागजों में फर्जीवाड़ा किया गया। उन्हें 20 मई को आगरा में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन करने के आरेाप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई। हालांकि उसके तुरंत बाद कथित फर्जीवाड़े के मामले में लखनऊ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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