प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो घोषणायें की उनमे भारी भरकम आंकड़े ज़रूर सुनाई दिए ,लेकिन विश्लेषण के बाद साफ है कि ये पैकेज लाखों मज़दूरों, किसानों, मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए छलावा ही है, ये पैकेज मददगार कम और अपनी छवि बचाने की सरकार की कोशिश ज़्यादा लगता है। आत्मनिर्भर भारत का सुनहरा सपना साकार करने से पहले प्रधानमंत्री को आज देश को भूख,दुख और बेरोज़गारी से निकालना होगा
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