वीडियो: रात का अंधेरा, बारिश, लेकिन मजदूरों-कामगारों का पैदल मार्च जारी है, क्या किसी अफवाह का असर है यह !
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश भर में किए गए लॉकडाउन के तीसरे दिन राजधानी दिल्ली में रहने वाले हजारों कामगार-मजदूरों ने अपने-अपने मूल नगरों की तरफ कूच कर दिया। अचानक से शुरु हुआ सिलसिला लगातार जारी है। यहां तक कि दिल्ली-एनसीआर में जारी बारिश और रात होने के बावजूद इनके कदम नहीं रुक रहे। इन्हें किसी तरह यहां से निकलना है, क्योंकि यहां इन्हें कोरोना का खौफ नहीं है, खौफ है तो भुखमरी का क्योंकि 21 दिन के लॉकडाउन ने इनके रोजगार ठप कर दिए, काम-धंधे बंद कर दिए हैं और इनके सामन रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
शुक्रवार सुबह शुरु हुआ सिलसिला थमा नहीं है, और देर रात तक जारी है। पत्रकार गुरदीप सप्पल ने रात करीब 9 बजे का एक वीडियो अपने ट्विटर पर शेयर किया है जिसमें कतारबंद मजदूर-कामगार निरंतर पैदल मार्च पर हैं।
सवाल है कि जब लॉकडाउन का उद्देश्य लोगों को घरों में रखना था, एक दूसरे से दूरी बनाकर रहना था, तो फिर अचानक क्या हुआ कि लोग सड़क पर निकल पड़े। वरिष्ठ पत्रकार और संपादक अजित अंजुम ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वे बता रहे हैं कि कोई अफवाह फैल गई थी कि गाजियाब के नजदीक लालकुआं इलाके में उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों की व्यवस्था की है। इसके बाद सारे लोग बाहर निकल पड़े। सुनिए उनकी बात
अजित अंजुम ने एक और वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे कार से करीब 6 किलोमीटर तक एनएच 24 पर गए हैं और पूरे रास्ते उन्हें पैदल जाते लोग नजर आए हैं। उन्होंने अपने वीडियो में बताया है कि उन्होंने यूपी पुलिस को टैग किया था, जिस पर गाजियाबाद पुलिस के अधिकारी ने जवाब दिया है कि संज्ञान लें। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर पूरा दिन निकलने पर भी संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। देखिए यह वीडियो
यही स्थिति दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर कालिंद कुंज इलाके में हैं। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा पोस्ट वीडियो में साफ है कि सैकड़ों लोग रात के अंधेरे में भी लगातार पैदल चले जा रहे हैं। हालांकि वहां पुलिस की गाड़ियां और जवान नजर आ रहे हैं, लेकिन इन लोगों को न तो कोई रोक रहा है और न ही कोई समझा रहा है कि ऐसा करना सही नहीं है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी लोगों से अपील की है वे जहां हैं वहीं रहें क्योंकि ऐसा करना जोखिम भरा हो सकता है।
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